Narmadeshwar Shivling (नर्मदेश्वर शिवलिंग)

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भगवान् शिव और प्रकृति का एक अद्भुत संयोग

नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा उपासना करने से अनेक लाभ होते हैं तथा शिव की कृपा से ज्ञान की वृद्धि होती है।

इस शिवलिंग को घर में स्थापित करने से तथा नित्य पूजा करने से सब प्रकार की सुख समृद्धि प्राप्त होती है। भगवान शिव की कृपा से दुःख-दरिद्रता दूर होकर वैभव की प्राप्ति होती है।

एक अद्भुत संयोग जिसका अंदाजा सिर्फ इसी बात से ही लगाया जा सकता है की नर्मदेश्वर शिवलिंग पूरी दुनिया में सिर्फ एक ही जगह पाया जाता है और वो है नर्मदा नदी.

नर्मदेश्वर की पूजा करने से घर की गरीबी दूर चली जाती है और धन, ऐश्वर्य एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है.

 

Description

नर्मदेश्वर शिवलिंग

Benefits/लाभ

१) नर्मदा नदी से १००% मूल नर्मदेश्वर पत्थर। हैंडीक्राफ्टेड अनोखा खूबसूरत डिज़ाइन इसे आकर्षक और स्टाइलिश बनाता है।

(२) सभी प्रकार की बुरी शक्तियों, बाधाओं और भय का नाश करता है।

(३) नर्मदेसर सबसे शक्तिशाली प्रकार का शिवलिंग है और यह प्राकृतिक रूप से शिवलिंग के आकार का आता है, न कि अधिकांश अन्य सामग्रियों और पत्थर के शिवलिंग की तरह, जो मूर्तियां मैन्युअल रूप से बनाते हैं, इसलिए इसे भगवान शिव का एक प्राकृतिक रूप माना जाता है।

(४) नर्मदेश्वर में, कई रहस्यमय शक्तियाँ हैं जो मनुष्य को एक केंद्रित और आध्यात्मिक चेतना प्रदान करती हैं और मनुष्य को सामान्य लोगों की बुद्धि के स्तर से अधिक बुद्धिमान और केंद्रित बनाती हैं।

(५) पहनने वाले को शिव का आशीर्वाद मिलता है और यह सभी प्रकार की बुरी शक्तियों, बाधाओं और भय का नाश करता है। इस लटकन को अपनाने से मनुष्य को नई सफलता मिलती है और उसकी प्रतिष्ठा बढ़ती है। नर्मदेश्वर को एक प्राकृतिक उपचारक पत्थर भी माना जाता है जो मनुष्य की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को भी ठीक करता है।

नर्मदेश्वर शिवलिंग को सर्वाधिक शक्तिशाली और पवित्र क्यों माना जाता है ?

– नर्मदेश्वर शिवलिंग कहा मिलता है ? नर्मदा नदी से निकलने वाले शिवलिंग को नर्मदेश्वर कहा जाता है.

– नर्मदेश्वर शिवलिंग की पहचान ? नर्मदा नदी को शिव के वरदान के कारण इससे प्राप्त होने वाले शिवलिंग को इतना ज्यादा पवित्र माना जाता है.

– भगवान शिव के वरदान के कारण नर्मदा नदी का कण-कण शिव माना जाता है.

– नर्मदा नदी के शिवलिंग को सीधा ही स्थापित किया जा सकता है, इसके प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नहीं होती है.

– कहा जाता है कि, जहां नर्मदेश्वर का वास होता है, वहां काल और यम का भय नहीं होता है.

– व्यक्ति समस्त सुखों का भोग करता हुआ शिवलोक तक जाता है.

नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा विधि?

–  प्रातःकाल स्नान करके शिवलिंग को एक थाल या बड़े पात्र में रखें.

– बेलपत्र और जल की धारा अर्पित करें.

– इसके बाद शिव जी के मंत्रों का जाप करें.

– थाल या पात्र में एकत्रित जल को पौधों में डाल सकते हैं.

नर्मदेश्वर शिवलिंग लॉकेट अपने गले में धारण कर सकते है जितना फल आपको पूजा करने से मिलता है| उतना ही फल नर्मदेश्वर शिवलिंग लॉकेट को गले में धारण करने से मिलता है|