Bhagyalaxmi + Navratna Ring Combo

1,499.00

नवरत्न अंगूठी अधिक से अधिक प्रसिद्ध हो रही है नवरत्न की अंगूठी धारण करने से जातक को सुख-सम्पदा, यश, मान, प्रतिष्ठा, घन, सौभाग्य, पारिवारिक सुख और मानसिक शांति प्राप्त होती है। इसके कारण अनिष्ट दूर होते हैं। रोग-शोक नहीं सताता है और आयु वृद्धि होती है। नवरत्न अंगूठी की विशेषता यह होती है कि इसे किसी भी राशि वाला जातक धारण कर सकता है।

डिलीवरी: 5-7 दिनों में डिलीवरी
मुफ़्त शिपिंग: पूरे भारत में
नवग्रहों के रत्न: माणिक्य, मोती, मूंगा, नीलम, पुखराज, पन्ना, ओपल, लहसुनिया और गोमेद रत्न है।
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अभी आर्डर करने पर फ्री पाए: भाग्यलक्ष्मी कछुए वाली अंगूठी

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Description

भाग्यलक्ष्मी अंगूठी + नवरत्न अंगूठी

वास्तु शास्त्र में कछुए को इतना महत्व प्रदान किया जाता है। कछुए को देवी लक्ष्मी के साथ जोड़कर घन बढ़ाने वाला माना गया है। इसके अलावा यह जीव धैर्य, शांति, निरंतरता और समृद्धि का भी प्रतीक हैे।

नवग्रहों की एक साथ शांति करने का एकमात्र उपाय है नवरत्न अंगूठी. नवग्रहों के नवरत्‍नों से बनी ये अंगूठी आपको सभी ग्रहों के अशुभ प्रभाव से बचाकर आपके जीवन को सुख और समृद्धि से भर देगी। जिससे सारे ग्रहो की कृपा आप पर बनी रहेगी।

Benefits/लाभ

नवरत्न अंगूठी किसी के भी द्वारा पहनी जा सकती है और इसमें कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं है। यह सभी के अनुरूप है, चाहे उनके राशि चिन्ह पर ध्यान दिए बिना, और एक ज्योतिषी की सिफारिश के बिना पहना जा सकता है।

  • इसका प्रयोग करने से घन की प्राप्‍ति होती है और घन आगमन के मार्ग प्रशस्‍त होते हैं।
  • जिस जातक की कुंडली में कोई भी ग्रह अशुभ या नीच स्‍थान में हो और किसी प्रकार का कोई लाभ ना हो रहा हो तो नवरत्न अंगूठी धारण करना चाहिए।
  • यह एक साथ सभी नौ ग्रहों रत्न के लाभ लाती है।
  • नकारात्मक ऊर्जा को करता है दूर

सफलता आपके कदम चूमेगी आपके तरक्की के मार्ग खुल आएंगे

भाग्यलक्ष्मी कछुए वाली अंगूठी को वास्तुशास्त्र के अनुसार शुभ माना गया है। यह अंगूठी व्यक्ति के जीवन के कई दोषों को शांत करने का काम करती हैै जीवन में सफ.लता प्राप्त करने के लिए मेहनत के साथ-साथ इंसान का भाग्य का साथ होना भी जरूरी है कछुए को हमेशा सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। कछुए की अंगूठी पहनने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। और घर की सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है

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शुक्रवार के दिन स्नान आदि कर पवित्र अवस्था में लक्ष्मी माँ का पूजन करते हुए यह अंगूठी गंगा जल और दूध से धोये और माँ लक्ष्मी का धयान करते हुए इससे सीधे हाथ की मध्यमा या तर्जनी उंगली में पहनेै।

2 Comments

  1. यह भाग्यलक्ष्मी और नवरत्न अंगूठी का कॉम्बो मेरे जीवन में एक नई दिशा और सकारात्मक सोच लाया है। अगर आप भी हताश हैं और अपने जीवन में सुधार चाहते हैं तो मैं आपको ज़रूर इस चमत्कारी अंगूठी लेने का बोलूंगी – देहरादून

  2. जीवन छोटा है तो इसे सुन्दर और सरल बनाइये। यह कॉम्बो किसी चमत्कार से काम नहीं है। यह भाग्योदय के साथ साथ आपको आत्मशांति भी प्रदान करता है। मैं एस्ट्रोविद्या का आभारी हूँ, मेरी परेशानियां दूर करने के लिए – उज्जैन

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